
ईस्टर रविवार के रोजक जानकारी- What is Easter About
What is Easter About- ईस्टर इसाई समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार हैं और ईस्टर को पूरी दुनियां में मनाया जाता हैं। भारत में रह रहे ईसाई समुदाय के लोग बहुत ही धुम-धाम से इस उत्सव को मनाते हैं। ईस्टर शब्द की उत्पत्ति जर्मन के “ईओस्टर” शब्द से हुई हैं जिसका अर्थ देवी हैं। यूरोप के लोग ईस्टर को बसंत की देवी तथा उर्वरता की देवी मानते हैं। Easter Sunday को खजूर इतवार भी कहा जाता है। ईस्टर का पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
What is Easter
ईसाई समुदाय की पवित्र किताब बाईबिल के अनुसार दो हजार वर्ष पूर्व येरुशलम के पहाड़ी पर यहूदियों और रोमन गवर्नर ने ईसाई समुदाय के मसीहा ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन सूली पर चढ़ा दिया था। जिससे ईसा मसीह कि मौत हो गई।
ऐसा माना जाता हैं कि ईसा मसीह की मौत होने के बाद उनके शव को एक गुफा के कब्र में दफना कर दिया गया था और उस गुफा के मुंह पर एक बहुत बड़ी चट्टान को रख दिया गया था, ताकी कोई उनके शव को चुरा न सके, लेकिन ईसा मसीह की मृत्यु के तीन दिन बाद रविवार के दिन जब ईसा मसीह के अनुयायी बहुत उदास-हताश बैठे थे कि अचानक किसी ने जोर से दरवाजे को खटखटाया।
ईसा मसीह के अनुयायी ने जब दरवाजा खोला तो सामने एक औरत खड़ी थी, वह औरत घर के अन्दर आकर आई और लोगों को बताया कि
‘मैं अन्य दो औरतों के साथ ईसा मसीह के शव पर जल चढ़ाने उनकी समाधि के पास गई थी, मैंने देखा कि क्रब का पत्थर खिसक हुआ हैं और क्रब खाली हो गई। उस क्रब में दो देवदूत दिखे, जो बहुत ही सफेद वस्त्र धारण किए हुए थे, उन्होंने बताया कि “क्या तुम लोग नाजरेथ के ईसा को खोज रही हो? वे यहाँ नहीं है। वे अब जी उठे’’
ईसा मसीह मृत्यु के तीसरे दिन जीवित हो उठे थे। ईसा मसीह ने जीवित होने के बाद अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को अपने दर्शन दिए।
ऐसी मान्यता हैं कि आज भी ईसा मसीह की वह कब्र खुली हुई हैं। माना जाता हैं कि ईसा मसीह के पुन:जीवित होने का कारण ईसाई धर्म की स्थापना नहीं था, बल्कि वो प्रेम और सत्य का सन्देश बाँटने के लिए आये थे।
How Celebrate Easter Festival
ईसा मसीह को Friday को सुली पर लटकाया गया था और वे तीसरे दिन यानी रविवार को पुन:जीवित हो गए थे, इस कारण से Easter, Sunday को मनाया जाता हैं। ईसाई समुदाय के लोग Easter Sunday के दिन लगभग 3 बजे के आस-पास गिरजाघरों में जमा होते हैं और ईसा मसीह के लिए प्रर्थना करते हैं साथ ही रात्रि को गिरजाघर में एकत्रित होकर मोमबत्ती जलाते हैं और पूरी रात ईसा मसीह का नाम लेकर तथा उनके द्वारा दिए गये सन्देश को याद करते हुए जागरण करते हैं और मोमबत्ती जलाकर ईसा मसीह के पुन:जीवित होने की ख़ुशी मनाते और प्रभु भोज में शामिल होते हैं। भोज करने के बाद एक दुसरे को ईसा मसीह के पुन:जीवित जीवित होने की शुभकामनाएं देते हैं।
एक खास रिवाज के अनुसार इसाई समुदाय के लोग Easter Sunday के दिन प्रभु भोज करने के बाद ईसाई लोग अपने घरों में सजी हुई जलाते हैं, और उपहार स्वरूप इन मोमबत्तियों को अपने रिश्तेदारों में तथा मित्रों में बाँटते हैं। जिस दिन ईसा मसीह को सुली पर लटकाया गया था, उस दिन Friday था और ईसई लोग शुक्रवार को काली पोशाक पहनकर और अपने वस्त्रों को उल्टा लेकर शोक व्यक्त करते हैं।
Easter Sunday Importance Of Eggs
ईस्टर में अंडे का खास महत्व है क्योंकि, जिस तरह से चिड़िया सबसे पहले अपने घोसले मे अंडा देती है। उसके बाद उसमें से चूजा निकलता है ठीक उसी तरह अंडे को एक शुभ यादगार माना है और ईस्टर में खास तरीके से इसका इस्तेमाल किया जाता है। कहीं चित्रकारी करके, कहीं दूसरे रूप में सजाकर, इसे गिफ्ट के रूप में एक दूसरे को दिया भी जाता है। यह एक शुभ संकेत होता है जो लोगों को देकर उनके जीवन में नया उत्साह और जीवन जीने के लिए नए उमंग से भरने का संदेश देता है।
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