Mahalaya Amavasya - हिन्दू समाज में श्राद्ध को अत्यधिक महत्व दिया जाता है क्योंकि यही एक मात्र एेसा समय होता है जब हिन्दू लाेग अपने पूर्वजों को याद करते हैं तथा श्रद्धांजली देकर उनका सम्मान करते हैं। श्रद्धांजली के रूप में जो कुछ भी अपनी श्रद्धा से अपने पितृों को अर्पण करते हैं उसे ही श्रद्धांजली कहते हैं। श्राद्ध पक्ष, जिसे पितृपक्ष भी कहते हैं, भाद्र पद मास की पूर्णिमा को प्रारंभ होता है तथा 16 दिनाें के बाद अाश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है और इसी अमावस्या को ही महालया … [Read more...]
Mahalaya – Shradh – श्राद्ध – पितृपक्ष – क्यों न खरीदें नया सामान?
Mahalaya - मैं पितृपक्ष्ा के संदर्भ में केवल अपना अनुभव बताना चाहता हुं जिसे पिछले कुछ सालों के अपने निष्पक्ष भाव से किए गए प्रयोगों द्वारा समझने का प्रयास किया है। पितृपक्ष के संदर्भ में मेरा अनुभव ये रहा है कि इस दौरान मैंने जो भी चीज खरीदी है, उससे मैंने सुख से ज्यादा दु:ख उठाया है। 2011-12 में मैं मेरा एक कम्प्यूटर सेन्टर लगाना चाहता था, जिसकी शुरूआत मैंने पितृपक्ष में की थी, और वो सेन्टर कभी पूरी तरह से बनकर तैयार नही हो सका। बल्कि उसके पूरे Setup में मैंने लगभग 50 हजार का Direct … [Read more...]
Pitru Paksha – क्या होता है पितृपक्ष और क्यों करते हैं श्राद्ध?
Pitru Paksha - हिन्दु धर्म के शास्त्रों में तीन प्रकार के ऋण कहे गए हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण और इन में से पितृ ऋण के निवारण हेतु ही पितृ यज्ञ का वर्णन किया गया है, जिसे सरल शब्दों में श्राद्ध कर्म भी कहा जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि- श्रद्धयां इदम् श्राद्ध यानी पितरों (पूर्वजों) के नाम से पितरों के लिए श्रृद्धापूर्वक जो कर्म किया जाता है, वही श्राद्ध है जबकि महर्षि बृहस्पति के अनुसार जिस कर्म विषेश में अच्छी प्रकार से पकाए हुए उत्तम व्यंजन को दूध, घी व शहद के साथ … [Read more...]