Learning Astrology in Hindi - विश्वास और अंधविश्वास में बड़ी महीन रेखा होती है। इसे पहले समझ लें तो ज्योतिष को आप वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देख पाएंगे। जब भी आप किसी पंडित से प्रेडिक्शन लेंगे , बहुत कम ही विद्वान ऐसे होंगे जो आपकी समस्या पर बात करेंगे। बातों को गोल गोल घुमाएंगे । उनकी हर बात के दो मतलब निकल आते हैं। जब कोई पंडित अंगुलियों पर गिनती शुरू करता है तो निहाल हो जाते हैं लोग। ऐसा लगता है गिनती पूरी करते ही पंडितजी भविष्य वाणी करने वाले हैं कि क्या चिन्ता करते हो बच्चा, देश के अगले PM तुम … [Read more...]
क्यों ना ज्योतिष सीखे!
व्याकरण में तीन काल सिखाया जाता है- पहला भूत काल, दूसरा वर्तमान काल और तीसरा भविष्य काल। भूत काल, यानी बीता हुआ कल मनुष्य को पता है और उसी के अनुभव को लेकर वह वर्तमान में कर्म करता ताकि भविष्य अच्छा हो। किसी को भी, "वर्तमान अच्छा हो", इसकी चिंता नही है। वर्तमान को अनुभव के आधार पर भविष्य का नौकर बना रखा है कि कल भविष्य आएगा और फिर मैं मजे करूँगा। लेकिन जब फेल होने लगता है हमारा प्लानिंग, जब होने लगता है व्यापार में घाटा, रिश्तों में अनबन, तब मन करता है कि दौड़ कर देख लूं कि "क्या है भविष्य … [Read more...]