Learning Astrology in Hindi – विश्वास और अंधविश्वास में बड़ी महीन रेखा होती है। इसे पहले समझ लें तो ज्योतिष को आप वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देख पाएंगे।
जब भी आप किसी पंडित से प्रेडिक्शन लेंगे , बहुत कम ही विद्वान ऐसे होंगे जो आपकी समस्या पर बात करेंगे। बातों को गोल गोल घुमाएंगे । उनकी हर बात के दो मतलब निकल आते हैं।
जब कोई पंडित अंगुलियों पर गिनती शुरू करता है तो निहाल हो जाते हैं लोग। ऐसा लगता है गिनती पूरी करते ही पंडितजी भविष्य वाणी करने वाले हैं कि क्या चिन्ता करते हो बच्चा, देश के अगले PM तुम ही हो।
लेकिन पंडित जी कहते है, राहु छट्ठे है , शनि बारहवे है इसलिये कष्ट है।
ये जो पंडित जी बिना जन्मपत्री देखें अंगुलिया गिनते है, वस्तुतः वह आपकी नाम राशि से राहु या शनि कहां है, उसकी गिनती करते हैं। राशियां तो बारह ही हैं और बारह राशियों के नाम इस प्रकार है-
मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन।
अब इन राशियों को क्रम से याद करना कोई बड़ी बात नही है।
यही है पहला पाठ कि राशियों को क्रम से याद कर लें और फिर उन राशियों पर जिन ग्रहों का प्रभाव है, उन्हे भी ग्रहों के साथ याद करें।
मेंष राशि का स्वामी ग्रह है मंगल, वृष का शुक्र, मिथुन का बुध, कर्क का च्रन्द्र, सिंह का सूर्य, कन्या का बुध, तुला का शुक्र, वृश्चिक का मंगल, धनु का गुरू, मकर का शनी, कुम्भ का शनी, मीन का गुरू।
यदि आप इतना याद कर लेते है तो, कौनसी राशि के लोग कैसे होते है तो उनकों वश में रखने की, प्रभावित करने की कुंजी आप हमारी अगली पोस्ट में प्राप्त कर सकते है।
ऐसे ही अगर आप को कोई सही नियम मिले तो जरूर याद रखे या लिख ले, या किसी से प्रेडिक्शन भी करवाये तो देखते रहे कि यह सिर्फ स्वभाव की बात हो रही है या आपकी जिंदगी से सम्बंधित बाते भी ज्योतिषी बता रहा है। किसी पर लट्ट्टू हो जाना ठीक नही, हर बात मान लेना भी ठीक नही है। कई बार तो ज्योतिषी की बातों से भी अनर्थ हो जाता है।
अभी कुछ वर्ष पहले ऐसी ही एक घटना घटी। घटना कानपुर और नोयडा से सम्बंधित है। एक बहुत पैसे वाला परिवार, नोयडा में। उन्होंने लड़के की कुंडली का प्रेडिक्शन करने को कहा।
पण्डित ने कह दिया कि लड़के की पहली पत्नी तो साल भर में ही मर जायेगी। जबकि जीवन मृत्यु की भविष्यवाणी हो ही नही सकती, करनी भी नही चाहिए।
लड़का एक लड़की से प्रेम करता था, उसी से शादी करना चाहता था। लेकिन जब पण्डित ने कहा कि पहली पत्नी मर जाएगी एक साल में, तो लड़के ने प्लान बनाया।
उसने पहली शादी कानपुर में एक बहुत बड़े व्यापारी की लड़की से कर ली। ये सोंचकर कि पहली पत्नी तो 1 साल में मर ही जाएगी।
अब समस्या ये हो गई कि लड़की तो मर ही नही रही। उधर प्रेमिका उतावली हो रही थी शादी के लिए।
अब जो कदम लड़के ने उठाया वह था अंधविश्वास में उठाया गया कदम। उसने प्लान करके अपनी पहली पत्नी को मार दिया और पकड़ा गया।
यह केस न्यूज चैनल में खूब दिखाया गया था पर उसमे ज्योतिष वाला एंगल नही था। यह एंगल मैंने दिल्ली से निकलने वाली एक क्राइम मैगज़ीन में पढ़ा था।
अगर पत्नी का घर खराब है तो इतना ही कहा जा सकता है कि पत्नी के भाव मे कुछ समस्या है। लड़के की शादी उसकी प्रेमिका से ही हो सकती थी पर पण्डित ने उपाय न करके भविष्यवाणी कर दी जिसने लड़के के दिमाग पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला और पत्नी का भाव तो खराब हुआ ही, जीवन भी खराब हो गया।
वैज्ञानिक युग है, ऐसे अंधविश्वास में नही फंसना है। सही ज्योतिष सीखना है।