Short Stories in Hindi with Moral – एक बार एक जंगल में खूब वर्षा हुई। हर जगह हरियाली ही हरियाली हो गई। जानवरों के खाने के लिए अलग-अलग तरह की ढेर सारी घासें उग गई। विभिन्न प्रकार के पेड़ो पर ढेर सारे फल लग गए।
एक प्रकार से जंगल में रामराज्य जैसा हो गया। सभी जानवरों को खाने के लिए अच्छे-अच्छे फल, घास आदि प्राप्त हुए जिससे उस जंगल में रहने वाले सभी जीव-जन्तु काफी हष्ट-पुष्ट हो गए। सभी के चहरे खुशी से खिले हुए थे क्योंकि उस वर्षा ने सभी को कुछ न कुछ दिया था। शाकाहारी जानवरों को खाने के लिए घास मिली थी, तो मांसाहारी जानवरों को उस घास में छुपकर शाकाहारी जानवरों का शिकार करने के लिए जगह मिली थी। यानी सारा जंगल जगत उस साल की वर्षा से बहुत खुश था।
उसी जंगल में चिंकू नाम का एक गधा भी रहता था, जो वर्षा से पहले बहुत हष्ट-पुष्ट था परन्तु वर्षा हो जाने के बाद उसके स्वास्थ्य को जैसे नजर ही लग गई थी और वह दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा था।
वह कमजोर इसलिए हुआ जा रहा था क्योंकि पिछले कई सालों से जंगल में वर्षा न होने के कारण उस जंगल के सभी पेड़-पौधे पूरी तरह से सूख गये थे। हरी घास का तो नाम-ओ-निशान तक नहीं था जबकि सूखी घास भी कहीं-कहीं ही मिल पाती थी। फिर भी चिंकू हष्ट-पुष्ट हो गया था क्योंकि वर्षा से पहले उसे जंगल में कहीं पर भी जब कोई घास मिलती थी, तो वह उसे खा लेता था और जब वह आगे जाकर वापस उस जगह को देखता था, जहां की घास उसने खाई थी, तो वह जगह उसे पहले के मुकाबले काफी साफ दिखाई देती थी। फलस्वरूप वह मन ही मन सोचने लगता कि उसने इतनी सारी घास खा ली कि पूरी जगह ही साफ हो गई और अब वहाँ घास का एक भी तिनका तक नही बचा।
इसी वहम में वह अकाल के समय भी मोटा होता गया, जबकि खाने के लिए ढंग का कुछ भी नहीं था। परन्तु जब जंगल में वर्षा हुई तो जगह-जगह घास उग गई, जिसकी वजह से अब वह जब किसी जगह की घास को खाता और पहले की तरह ही पीछे मुडकर देखता तो उसे उस जगह पर घास ज्यों की त्यों खडी दिखाई देती। फलस्वरूप वह मन ही मन सोचता कि आज तो उसने कुछ खाया ही नहीं और इसी चिन्ता में वह धीरे-धीरे कमजाेर होने लगा।
जब कई दिनों से ऐसा ही चला तो अन्त में एक दिन परेशान होकर चिंकू जंगल में एक पेड़ के नीचे बैठ गया, तभी उस पेड़ ने चिंकू से पूछा-
क्यों रे चिंकू… पहले तो तू बहुत हष्ट-पुष्ट था परन्तु अब तू एकदम कमजोर नजर आ रहा है। पहले तो जंगल में इतनी घास भी नही थी, तब भी तू जंगल में सभी जानवरों से ज्यादा हष्ट-पूष्ट नजर आता था जबकि इस बार तो जंगल में अच्छी वर्षा हुई है, खाने के लिए भी एक से बढ़कर एक फल है, अनेक प्रकार की घास है, फिर भी तू दिन-ब-दिन कमजोर ही होता जा रहा है। क्या बात है?
चिंकू ने कहा- काका… यही बात तो मुझे भी समझ नही आ रही है कि मैं दिन-ब-दिन कमजोर कैसे होते जा रहा हूँ।
पेड़ ने कहा- कहीं तेरे में किसी बिमारी ने तो जन्म नही ले लिया। तू जा कर वैद्ध जी से क्यों नहीं मिलता।
चिंकू को भी लगा कि हो सकता है उसे कोई बीमारी हो गई हो, सो वह वैद्ध जी के पास पहुंचा और अपनी सारी परेशानी बताई। वैद्य जी चिंकू की सारी बातें सुनते गए, मन ही मन हंसते गए और ये भी समझ गए कि चिंकू को वहम नाम की एक झूठी बीमारी हो गई है और झूठी बीमारी का सच्चा र्इलाज तो हो नहीं सकता है, इसलिए वैद्ध ने चिंकू की झूठी बीमारी का एक झूठा ईलाज करने का निर्णय किया। वे अपनी कुटिया में गए और पारी की एक शीशी में थोडा नमक, थोडा चीनी मिलाकर ले आए और चिंकू को देते हुए बोले-
बेटा चिंकू… बीमारी तो तुम्हारी गंभीर है, लेकिन डरने की कोई बात नहीं है। ऐसी बीमारियों का ईलाज थोडा लम्बा चलता है। तुम ये दवा लेते रहना। जैसे-जैसे मौसम बदलता जाएगा, तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक होता जाएगा और अगली बार जब इस जंगल में फिर से सूखा पड़ेगा न, तो तू फिर से पहले की तरह पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा।
ये बात सुनकर चिंकू की खुशी का ठिकाना न रहा। उसने सोंचा कि अच्छा हुआ वह सही समय पर वैद्ध जी के पास आ गया, नहीं तो उसकी बीमारी का पता ही नहीं चलता और वह बेवजह ही मर जाता।
वह हर रोज निश्चित समय पर वैद्ध की दी हुई दवा लेने लगा और सूखा पडने का इन्तजार करने लगा। धीरे-धीरे फिर से उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा क्योंकि बारिश के बाद सर्दी का मौसम भी बीतने लगा और फिर से सारे जंगल में पतझड का समय आने लगा, फिर से हरी घास कम होने लगी, जिसकी वजह से चिंकू को लगने लगा कि दवा असर कर रही है, परिणामस्वरूप वह फिर से पहले की तरह मोटा होने लगा।
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हम अक्सर हमारे आस-पास कई चिंकुओं को देखते हैं, उनके सम्पर्क में रहते हैं और हर रोज हमारा कई चिंकूओं से सामना होता रहता है, जिन्हे किसी न किसी विषय में कोई वहम होता है। ऐसे लोगों को सामान्यत: हम बेवकूफ कहकर सम्बोधित करते हैं और ये लोग अक्सर हमारी हंसी का पात्र भी बनते हैं। जबकि वास्तव में ऐसे लोग हंसी के नहीं बल्कि दया के पात्र होते हैं और यदि इन लोगों को ठीक से Handle न किया जाए, तो ये लोग बडी मुश्किल भरी जिन्दगी जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
जिसे ये बीमारी हो जाती है, उसे छोडकर सभी को पता होता है कि उसे क्या बीमारी है। लेकिन यदि उसे बताने की कोशिश की जाए, तो वह कभी भी ये बात मानने को तैयार नहीं होता क्योंकि उसका वहम उसके लिए झूठ नहीं बल्कि एक पूर्ण सत्य होता है अौर ये बात इस कहानी का वैद्ध अच्छी तरह से जानता था। इसीलिए उसने चिंकू को ये समझाने की कोशिश नहीं की कि वह वहम का शिकार है, बल्कि उसे एक झूठा ईलाज देते हुए फिर से अकाल पडने का इन्तजार करने के लिए कह दिया, ताकि वह एक Normal जिन्दगी जी सके।
क्योंकि वहम और कुछ नहीं बल्कि एक झूठी बीमारी है जो उस वस्तु, स्थिति या घटना को सच मानने पर मजबूर कर देती है, जो कि वास्तव में है ही नहीं। और ऐसी झूठी बीमारी का कोई सच्चा ईलाज, कोई सच्ची दवाई हो ही नहीं सकती। इसलिए ऐसी झूठी बीमारी से पीछा छूडाने के लिए दिया जाने वाला ईलाज भी झूठा ही होना चाहिए और यही उस वैद्ध ने किया।
अत: यदि आज के बाद आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिले, जो कि किसी वहम का शिकार हो, या जो आपको बेवकूफ लगता हो, तो उसका मजाक न उडाऐं बल्कि समझने की कोशिश करें कि आखिर वह आपको बेवकूफ क्यों लगता है। कहीं वह किसी समस्या से तो नहीं जूझ रहा है क्योंकि अक्सर ऐसे बेवकूफ लगने वाले लोग किसी न किसी तरह के वहम में जी रहे होते हैं। ऐसे लोगों को आपकी मदद की जरूरत होती है। इसलिए उनका मजाक उडाने के बजाय उनकी परेशानी समझने की कोशिश करें और यदि वे किसी वहम से पीडित हों, तो उन्हें ये समझाने की कोशिश न करें कि वो वहम के शिकार हैं बल्कि उनके लिए कोई ऐसी झूठी दवा तलाशें, कोई ऐसा अलग रास्ता तलाशें, जिससे उन्हें स्वयं ही समझ में आ जाए कि वे किसी वहम का शिकार हैं।
ऐसे लोगों को किसी मनोचिकित्सक की जरूरत नहीं होती, बल्कि मनोचिकित्सक के पास जाकर तो ऐसे लोग और ज्यादा बीमार हो जाते हैं क्योंकि मनोचिकित्सक ऐसे लोगों को सच्ची दवाईयां देता है जबकि ऐसे लोगों को वास्तव में वहम नाम की एक झूठी बीमारी होती है, जिसका कोई सच्चा ईलाज हो ही नहीं सकता।?
Sir me bhi vaham ke bimari se pirit hu.aap se nivedan hai koi rasta bataye.bahut pareshan hu.
Sir menu v veham ki bimari hai pls main aap se contect karna hai pls tuhada number kinna hai?
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मैं Doctor नहीं हुं। आप अपने आसपास किसी मनोचिकित्सक को सम्पर्क कीजिए।