Pitra Dosh Nivaran Mantra in Hindi- श्राद्ध पक्ष 15 दिवस तक मनाया जाता हैं। श्राद्ध पक्ष में व्यक्ति अपने पूर्वजों (पितरों) का तर्पण और पितृदोष का निवारण करता है। वेदों के अनुसार जिस दिन घर में पितृ का श्राद्ध मनाया जाए उस दिन किसी न किसी ब्राह्मण को भोजन जरूर करवाना चाहिए।
जब ब्राह्मण भोजन कर रहे हो उस समय पितृ स्तोत्र का पाठ करना चाहिए जिसे सुनकर पितृ प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। पितृ स्तोत्र का पाठ ब्राह्मण के सामने खड़े होकर करना चाहिए। ऐसी मान्याता है कि ब्राह्मण भोजन के समय पितृ स्ंवय पितृ स्तोत्र को सुनने के लिए उस समय उपस्थित रहते हैं और उनके लिए किया गया श्राद्ध अक्षय होता है।
पितृ स्तोत्र पाठ
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम्।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।
इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान्।।
मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि।।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान्।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि:।।
प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे।।
सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम्।।
अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम्।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत:।।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण:।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज।।
जो व्यक्ति निरोग, खुश, और सुखी रहना चाहता है। धन, पुत्र-पौत्र की कामना रखता है। उसे पितृ स्तोत्र से सदा पितरों की स्तुति करते रहनी चाहिए।
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