Panchtantra Story in Hindi – एक समय एक भूखा सियार भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहा था। भटकते-भटकते वह जंगल से बाहर आ गया और एक युद्ध के मैदान में जा पहुँचा जहां कुछ समय पहले युद्ध समाप्त हुआ था।
इस सूनसान पडे युद्ध के मैदान में लडाकू सेनाओं ने एक ड्रम छोड दिया था, जो कि एक आम के पेड़ के पास पडा हुआ था और पेड़ की शाखाऐं उस ड्रम पर इस तरह से लटक रही थीं, कि तेज हवा चलने पर उस ड्रम से टकरा जाती थीं, जिससे उस ड्रम से आवाज आने लगती थी।
जब सियार भोजन की तलाश में जंगल से बाहर उसी युद्ध के मैदान में पहुंचा तो तेज हवा चलने की वजह से पेड की शाखाऐं उस ड्रम पर टकराई और एक अजीब सी आवाज आयी।
ढम्म्म्म्म्म्म्म्म् …।
अचानक से होने वाली इस अजीब सी आवाज को सुन, सियार डर गया और सोंचने लगा-
वह आवाज निकालने वाला व्यक्ति मुझे देखे, इससे पहले मुझे यहाँ से दूर भाग जाना चाहिए अन्यथा मैं मुसीबत में पड जाऊंगा।
सो वह वहाँ से भागकर तुरन्त जंगल की ओर जाने लगा लेकिन अचानक रूक गया। उसके मन में खयाल आया कि-
बिना कुछ जाने हुए भागकर वापस चले जाना मूर्खता होगी। इसके बजाय मुझे इस बात का पता लगाना चाहिए कि आवाज कौन और क्यों कर रहा है।
वह सावधानी पूर्वक वापस युद्ध भूमि में उस ओर गया जिस ओर से आवाज आ रही थी, तो उसे वहाँ वही ड्रम दिखाई दिया, जिस पर तेज हवा चलने से पेड़ की शाखाऐं टकराती थी और ढम्म्म्म्म्म्म्म्म् की आवाज पैदा होती थी।
जैसे ही उसे उस आवाज के आने का कारण पता चला, उसका डर पूरी तरह से मिट गया। वह बिना डरे ड्रम के पास पहुँचा, तो उसे वहाँ ढे़र सारे पके हुए आम मिले जो कि उस पेड़ से गिरे थे, परिणामस्वरूप उसके भोजन की समस्या भी समाप्त हो गई।
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इस छोटी सी कहानी का Moral ये है कि बिना समस्या को ठीक से जाने हुए, उससे भागने की कोशिश करना, उस समस्या से छुटकारा पाना नहीं होता क्योंकि अक्सर हम जिसे समस्या समझ रहे होते हैं, वह वास्तव में समस्या ही नहीं होती बल्कि हमारे मन का एक वहम होता है। इसलिए किसी भी समस्या को ठीक से समझें बिना, उससे बचने की कोशिश करना, बेवकूफी मात्र है।
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