आत्मा को ना तो किसी शस्त्र से काटा जा सकता है और ना ही जलाया जा सकता है, ना ही पानी से गिला किया जा सकता है और ना ही हवा से सुखाया जा सकता है क्योंकि आत्मा तो अमर है।
Bhagwat Geeta
जब-जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा तो उसका विनाश कर पुन: धर्म की स्थापना करने हेतु मैं अवश्य अवतार लेता रहूँगा।
Bhagwat Geeta
मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।
Bhagwat Geeta
लोग आपके अपमान के बारे में हमेंशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।
Bhagwat Geeta
इंद्रियों से खुशी पहली बार में अमृत की तरह लगती है, लेकिन यह अंत में जहर की तरह कड़वी होती है।
Bhagwat Geeta
मन बड़ा चंचल है, मनुष्य को मथ डालता है, अतः बहुत बलवान है।
Bhagwat Geeta
ऐसा कुछ भी नहीं चेतन या अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।
Bhagwat Geeta
स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
Bhagwat Geeta
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है और ना ही कहीं और।
Bhagwat Geeta
अगर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं तो अपनी रणनीति बदलिए, न कि लक्ष्य।
Bhagwat Geeta
वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।
Bhagwat Geeta
मैं ही सृष्टि की शुरुआत, मध्य और अंत हूँ।
Bhagwat Geeta
क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है और जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
Bhagwat Geeta
जो व्यवहार आपको दूसरो से पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार आप दूसरो के साथ भी ना करे।
Bhagwat Geeta
क्षमा, दया और करूणा मनुष्य के अनमोल गुण है।
Bhagwat Geeta
भगवान सभी जगह में हैं सभी के उपर हैं |
Bhagwat Geeta
ज्ञानी व्यक्ति, ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है।
Bhagwat Geeta
अव्यवहारिक कार्य बहुत ज्यादा तनाव उत्पन्न करता हैं |
Bhagwat Geeta
आसक्ति से कामना का जन्म होता हैं।
Bhagwat Geeta
जो मन को नियंत्रित नहीं करते, उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
Bhagwat Geeta
कार्य में कुशलता को योग कहते है।
Bhagwat Geeta
सर्वत्र समभाव रखने वाला योगी अपने को सब भूतों में, और सब भूतों को अपने में देखता है।
Bhagwat Geeta
आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो। अनुशाषित रहो। उठो।
Bhagwat Geeta
ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में वास करता है, और अपनी माया के बल से उन्हें चाक पर चढ़े हुये घड़े की भांति घुमाता है।
Bhagwat Geeta
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। वो जैसा विश्वास करता है वैसा ही वो बन जाता है।
Bhagwat Geeta
मन की गतिविधियों, होश, श्वास और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग करके सभी कार्य कर रही है।
Bhagwat Geeta
जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
Bhagwat Geeta
अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।
Bhagwat Geeta
जो अपने हिस्से का काम किये बिना ही भोजन पाते है, वे चोर है।
Bhagwat Geeta
इस जीवन में ना कुछ खोता है और ना कुछ व्यर्थ होता है।
Bhagwat Geeta
मैंने तुम्हारे लिए वही विधान किया जो तुम्हारे लिए उचित था। मैंने आज तक जो कुछ किया तुम्हारे मंगल के लिए किया।
Bhagwat Geeta
निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है।
Bhagwat Geeta
नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच।
Bhagwat Geeta
परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ही ब्रम्हचर्य का पालन करते है।
Bhagwat Geeta
व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।
Bhagwat Geeta
उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा। जो वास्तविक है, वो हमेंशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।
Bhagwat Geeta
ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दिमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।
Bhagwat Geeta
हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।
Bhagwat Geeta
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
Bhagwat Geeta
अप्राकृतिक कर्म बहुत तनाव पैदा करता है।
Bhagwat Geeta
सभी अच्छे काम छोड़ कर बस भगवान में पूर्ण रूप से समर्पित हो जाओ। मैं तुम्हे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा। शोक मत करो।
Bhagwat Geeta
किसी और का काम पूर्णता से करने से कही अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।
Bhagwat Geeta
मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और मुझसे प्रेम करते हैं।
Bhagwat Geeta
मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ, ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक, लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ।
Bhagwat Geeta
प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं करता।
Bhagwat Geeta
मेरी कृपा से कोई सभी कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए भी बस मेरी शरण में आकर अनंत अविनाशी निवास को प्राप्त करता है।
Bhagwat Geeta
हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है।
Bhagwat Geeta
पराक्रमी वह है जो निर्भय और पवित्र है और जो अपने संकल्प से डिगता नहीं है।
Bhagwat Geeta
बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।
Bhagwat Geeta
आपके सार्वलौकिक रूप का मुझे न प्रारंभ, न मध्य, न अंत दिखाई दे रहा है।
Bhagwat Geeta
मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ। मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।
Bhagwat Geeta
तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं, और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो। बुद्धिमान व्यक्ति ना तो जीवित व्यक्ति के लिए शोक करते हैं और ना ही मृत व्यक्ति के लिए।
Bhagwat Geeta
कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।
Bhagwat Geeta
हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं। मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं।
Bhagwat Geeta
अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।
Bhagwat Geeta
कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है।
Bhagwat Geeta
कर्म उसे नहीं बांधता जिसने काम का त्याग कर दिया है।
Bhagwat Geeta
बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
Bhagwat Geeta
जो व्यक्ति आध्यात्मिक जागरूकता के शिखर तक पहुँच चुके हैं, उनका मार्ग है निःस्वार्थ कर्म। जो भगवान् के साथ संयोजित हो चुके हैं उनका मार्ग है, स्थिरता और शांति।
Bhagwat Geeta
यद्यपी मैं इस तंत्र का रचयिता हूँ, लेकिन सभी को यह ज्ञात होना चाहिए कि मैं कुछ नहीं करता और मैं अनंत हूँ।
Bhagwat Geeta
जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।
Bhagwat Geeta
वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं” और “मेरा” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांति प्राप्त होती है।
Bhagwat Geeta
मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
Bhagwat Geeta
जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें।
Bhagwat Geeta
मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।
Bhagwat Geeta
बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच व्यक्ति जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।
Bhagwat Geeta
जो कोई भी, जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।
Bhagwat Geeta
जैसे आग की गर्मी लकड़ी को राख बना देती है उसी प्रकार ज्ञान की अग्नि कर्म को राख बना देती है।
Bhagwat Geeta
हे अर्जुन ! मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।
Bhagwat Geeta
स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
Bhagwat Geeta
केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
Bhagwat Geeta
मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।
Bhagwat Geeta
वह जो ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।
Bhagwat Geeta
मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।
Bhagwat Geeta
जिस मनुष्य के पास सत्वगुणी संपति है, उसे मैं मोक्ष और सुख अवश्य प्रदान करता हूँ।
Bhagwat Geeta
एक पत्थर सिर्फ एक बार मन्दिर जाता है और भगवान बन जाता है लेकिन हम इंसान हर रोज मन्दिर जाते हैं पर भगवान तो दूर इंसान भी नहीं बन पाते हैं।
Bhagwat Geeta
जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतित में है। जीवन तो केवल इस पल में है अर्थात् इस पल का अनुभव ही जीवन है।
Bhagwat Geeta
इस जगत में आपका ‘’इंसान’’ के रूप में होना ही आपके लिए सबसे खुशी की बात है।
Bhagwat Geeta
मैं सारे जीव और निर्जिव में निवास करता हूँ। जो सर्वत्र मुझे देखता और महसूस करता है वो मुझे समझ सकता है और मुझ तक आ सकता है।
Bhagwat Geeta
परिवर्तन ही संसार का नियम है जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो और दूसरे ही क्षण तुम दरिद्र हो जाते हो।
Bhagwat Geeta
ज्ञान का अर्थ है जानने की शक्ति। झूठ को सच से प्रथक करने वाली जो विवेक बुद्धि है उसी का नाम ज्ञान है।
Bhagwat Geeta
जो हुआ, वह अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है। जो होगा, वह अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है।
Bhagwat Geeta
खाली हाथ आए और खाली हाथ चले जाना है। जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है।
Bhagwat Geeta
ना यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जायेगा परंतु आत्मा स्थिर है- फिर तुम क्या हो?
Bhagwat Geeta
वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।
Bhagwat Geeta
तुम अपने आपको भगवान को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है।
Bhagwat Geeta
फल की अभिलाषा छोड़ कर कर्म करने वाला पुरूष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।
Bhagwat Geeta
अपने परम भक्तों, जो हमेंशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ।
Bhagwat Geeta
कभी ऐसा समय नहीं था जब मैं, तुम या ये राजा-महाराजा अस्तित्व में नहीं थे, न ही भविष्य में कभी ऐसा होगा कि हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाये।
Bhagwat Geeta
मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ। मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।
Bhagwat Geeta
जो कार्य में निष्क्रियता और निष्क्रियता में कार्य देखता है वह एक बुद्धिमान व्यक्ति है।
Bhagwat Geeta
जन्म के समय में आप क्या लाए थे जो अब खो दिया है? आप ने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया है? जब आप पैदा हुए थे, तब आप कुछ भी साथ नहीं लाए थे। आपके पास जो कुछ भी है, आप को इस धरती पर भगवान से ही प्राप्त हुआ है। आप इस धरती पर जो भी दोगे, तुम भगवान को ही दोगे। हर कोई खाली हाथ इस दुनिया में आया था और खाली हाथ ही उसी रास्ते पर चलना होगा। सब कुछ केवल भगवान के अंतर्गत आता है।
Bhagwat Geeta
आत्मा अजन्म है और कभी नहीं मरती है। आत्मा मरने के बाद भी हमेंशा के लिए रहती है। तो क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? आप किस बात से डर रहे हैं? कौन तुम्हें मार सकता है?
Bhagwat Geeta
अज्ञानी व्यक्ति स्वयं के लाभ्ा के लिए कार्य करते हैं जबकि बुद्धिमान लोग विश्व के कल्याण के लिए कार्य करते हैं।
Bhagwat Geeta
ज्ञान की भेंट करना किसी भी सामाग्री को भेंट करने की अपेक्षा ज्यादा उचित है।
Bhagwat Geeta
Jai Shree Krishna…….
Jai shree krishna
जय श्री क्रष्णा
This is best side Lord krishna Quotes.
कृष्णा का दिया हुआ ज्ञान युगो युगो तक मानव जीवन के लिए आधार है
Nice Quotantion
ishwar sab jagah hai, bas mehsus karne ki jarurat hai