Interesting Fact- उल्कापिंड एक ब्रह्मांडीय पत्थर है जिसका आकार रेत से लेकर कई बड़े पहाड़ और कुछ तो किलोमिटर हो सकते है। कुछ लोगों का मानना है की ये आसमान में विचरण करती हुई आत्माएं है।
सत्य यह है की ये उल्काएं होती है, धूमकेतु होतें है। ये छोट -बड़े आकाशीय पिंड होतें है, जो निरंतर सूर्य की परिकर्मा करतें रहतें है। तो आईए जानते है उल्कापिंड के बारे में बेहद रोमांचित करने वाले 45 रोचक तथ्य।
- धरती पर रोज ही लगभग 3 हजार उल्काओं की बरसात होती रहती है।
- भारत में Meteorite की देखरेख भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण संस्था के निरीक्षण में होती है।
- भारत में Meteorite का एक Large Collection कलकत्ते के भारतीय संग्रहालय (अजायबघर) के भूवैज्ञानिक विभाग में प्रदर्शित है।
- नियमानुसार किसी भी देश की धरती में कहीं भी गिरा हुआ Meteorite सरकारी संपत्ति होता है।
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- भारत के अजायब-घर में अनेक प्रकार के Meteorite के नमूने हैं और इसके अलावा अनेक नमूने अति दुर्लभ जातियों के हैं।
- भारत के अजायब-घर में कुल मिलाकर इसमें 468 विभिन्न उल्कापात निरूपित हैं, जिनमें से 149 धात्विक और 319 आश्मिक वर्ग के हैं।
- इलाहाबाद जिले के मेडुआ गाँव में 30 अगस्त 1920 को, दिन के समय 11 बजकर 15 मिनट पर एक उल्कापिंड गिर था।
- मेडुआ गाँव से प्राप्त इस उल्कापिंड का वजन लगभग 56,657 ग्राम का है।
- इस संग्रहालय की सबसे बड़ी भारतीय आश्मिक उल्का इलाहाबाद जिले के मेडुआ स्थान से ही प्राप्त हुई है।
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- नियमानुसार किसी भी देश की धरती में कहीं भी गिरा हुआ Meteorite उस देश की सरकारी संपत्ति होती है।
- भारत में दूसरा Meteorite मलाबार में कुट्टीपुरम ग्राम में 6 अप्रैल 1914 को प्रात:-काल 7 बजे गिरा था। इसका वजन लगभग 38,437 ग्राम है।
- मेक्सिको में 6 करोड़ वर्ष पूर्व एक Meteorite के टकराने से पृथ्वी पर मौजूद डायनासोर विलुप्त हो गए थे।
- 6 करोड़ वर्ष पूर्व Meteorite की टक्कर ने भारत के पश्चिमी-मध्य क्षेत्र में ज्वालामुखी में विस्फोट की प्रक्रिया को तेज कर दिया था।
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- एक Meteorite के कारण ही भारत के दक्कन ट्रैप का निर्माण हुआ, दक्कन ट्रैप लावा से निर्मित हुआ दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है।
- पहली बार 1980 में Meteorite के पृथ्वी से टकराने की घटना का पता चला था।
- राज्स्थान के जयपुर जिले के मुकुंदपुरा गांव के एक खेत में सुबह करीब छह बजे Meteorite जैसा आग का गोला गिरा। जिस स्थान पर यह गोला गिरा वहां ढ़ाई फीट गहरा गड्ढा हो गया।
- अमेरिका के अलाबामा राज्य के सिलाकागुआ इलाके में सन् 1954 की एक दोपहर Ann Hoges के घर पर सॉफ्ट बॉल के आकार का एक उल्कापिंड गिरा जिससे Ann Hoges के पेट के निचले हिस्से में नारियल जितने आकार का घाव बन गया और उन्हें कित्सालय में भर्ती करवाया गया था।
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- अधिकतर Meteorite की बनावट अलग-अलग किस्म की होती है और वातावरण की गर्मी की वजह से उस पर विशेष तरह की एक काली परत चढ़ी रहती है।
- चीन के डॉक्टर Sears Aware के अनुसार “1000” साल में Meteorite गिरने से पांच-छह लोग मारे गए थे। लेकिन यह रिकॉर्ड विश्वसनीय नहीं है।
- एक दावे के अनुसार भारत में भी करीब 200 साल पहले एक आदमी की मौत Meteorite गिरने के कारण हुई थी।
- एक उल्का पिंड 54,000 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है। और वायुमंडल के संघर्ष की के कारण Meteorite जलने लगता है। इस Meteorite की चमक को रूस के बड़े इलाके में देखा गया।
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- 17 मीटर व्यास वाले Meteorite के कुछ टुकड़े रूस के यूराल पर्वत पर भी गिरे थे, इसकी वजह से रूस में 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए और करीब 30 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था ।
- वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह मंगल पर लगभग दो अरब साल पुराने ज्वालामुखी की गतिविधियों का पता लगाया है। यह जानकारी मंगल ग्रह के एक Meteorite के विश्लेषण से हासिल हुई थी।
- धरती पर अब तक कुल 188 Meteorite प्रभावित स्थलों की पुष्टि हो चुकी है और 340 की अभी खोज की जानी बाकी है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार Meteorite ों की टक्कर से अतीत में धरती और जीवन के विकास को बार बार स्वरूप मिला है।
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- नासा और खगोल वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल को पृथ्वी पर Meteorite ों में ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि मंगल की सतह के निकट एक अलग और वैश्विक जलस्रोत या बर्फ का स्रोत है।
- निकारागुआ की राजधानी मानागुआ में एक रहस्यमय विस्फोट होने के बाद बहुत बड़ा गड्ढा बन गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह गड्ढा Meteorite के गिरने से बना है।
- नासा के वैज्ञानिकों ने करीब 50 हजार साल पहले अंटार्कटिका में गिरे मंगल ग्रह के Meteorite की जांच में मंगल पर पानी होने के संकेत मिलने का दावा किया है जिससे लगता है कि मंगल पर कभी जीवन संभव रहा होगा।
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- रूस के युराल फेडरल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को एक किलोग्राम के Meteorite के टुकड़े मिले हैं।
- 15 फरवरी 2013 को युराल क्षेत्र में Meteorite टकराने का मामला सामने आया था।
- रूस के मास्को शहर में गिरे Meteorite की कीमत सोने से भी ज्यादा है।
- रूस में Meteorite के टुकडों की बाजार में कीमत प्रतिग्राम 2200 डॉलर है। जो सोने की कीमत से 40 गुणा से अधिक है।
- अभी तक के इतिहास में Meteorite के द्वारा केवल एक ही Artificial Satellite नष्ट हुआ है।
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- Olympics 1993, Meteorite के द्वारा नष्ट हुआ Artificial Satellite, European Space Agency का था।
- नंगी आखों से Meteorite को केवल रात में ही देखा जा सकता है।
- पूर्व समय में Meteorite को देख कुछ लोगों का मानना था कि यह आसमान में विचरण करती हुई आत्माएं है।
- उल्काएं या धूमकेतु छोटे-बड़े आकाशीय पिंड होतें है, जो निरंतर सूर्य की परिकर्मा करतें रहते है।
- पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की ओर खिंचने लगता है। इससे इनमें तेज घर्षण होता है, और इस घर्षण के कारण इसमें आग लग जाती है। जिससे यह चमकता हुआ दिखाई देता है।
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- Meteorite को आम बोल-चाल की भाषा में ‘’टूटता हुआ तारा’’ या ‘’लूका’’ कहा जाता है।
- उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है, उसे Meteorite कहते हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार 2002-एनटी-7 नामक एक उल्कापिंड 1 फरवरी 2019 को अपनी पूरी तीव्रता के साथ धरती से टकरा सकाता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार इस उल्कापिंड का नाम 2002-एनटी-7 रखा गया है और इसके बारे में वैज्ञानिकों को 2002 में ही पता चल गया था।
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- वैज्ञानिकों ने इसकी चमक से अंदाजा लगाया है कि यह दो किलोमीटर चौड़ा है।
- 2002-एनटी-7 की सबसे पहले अमेरिका के न्यू मैक्सिको शहर की लीनियर वेधशाला में 5 जुलाई 2002 को इसे देखा गया था। तब से दुनिया भर के कई अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस पर कड़ी नजर रखें हुए है।
- 2002-एनटी-7 सूर्य की परिक्रमा 837 दिन में पूरी करता है। इसका रास्ता धरती के रास्ते को कई बार काटता है। इस उल्कापिंड की कक्षा पृथ्वी की कक्षा की ओर झुकी है।
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