Interesting Facts About Holi- होली एक प्राचीन त्यौहार है, होली को इसाई देवता ईसा मसीह के जन्म के कई सदियों पहले से मनाया जाता रहा है। जैमिनि के पूर्वमिमांसा सूत्र और कथक ग्रहय सूत्र में भी होली का वर्णन मिलता है।
प्रचलित मान्यता के अनुसार यह त्योहार हिरण्यकशिपु की बहन होलिका के मारे जाने की स्मृति में मनाया जाता है। होलिका को आग से न जलने का वरदान था, उसने विष्णु भक्त प्रह्लाद को अग्नि में जला कर मारने की कोशिश की थी। होलिका जल गयी, प्रह्लाद बच गये। तभी से होली मनाने की प्रथा चल पड़ी।
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- वसंत की ऋतु में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने के कारण इसे वसंतोत्सव और काम-महोत्सव भी कहा गया है।
- भारतीय पंचांग और ज्योतिष के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के अगले दिन से चैत्र शुदी प्रतिपदा की शुरुआत होती है और इसी दिन से नववर्ष का भी आरंभ माना जाता है। इसलिए होली पर्व नवसंवत और नववर्ष के आरंभ का प्रतीक है।
- वैदिक काल में इस पर्व को ‘नवान्नेष्टि’ कहा जाता था। इस दिन किसान अपने खेत के अधपके अनाज का हवन कर भगवान को भोग लगते हैं और उसका प्रसादबाटते है।
- होली का दिन इस कारण से भी महत्वपूण हैं क्योंकि होली के दिन ही भगवानमनु का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे मन्वादितिथि भी कहा जाता है।
होली का त्योहार- Paragraph on Holi in Hindi
- 16वीं सदी के प्रचिन मंदिर विजननगर के हंपी नगर में स्थित एक मंदिर हैं जिसमें होली के कई दृश्य चित्रों में हैं, जिनमें राजकुमार और राजकुमारी अपने दासों सहित एक दूसरे पर रंग लगा रहे हैं।
- प्राचीन काल में फाल्गुन की पूर्णिमा को घर की महिलाओं द्वारा परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूर्णिमा के चांद की पूजा करने की परंपरा थी।
- वैदिक काल में फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन नवात्रैष्टि यज्ञ किया जाता था। इसे वसंतोत्सव के रूप में काफी हर्ष-उल्लास और नए अन्न के साथ मनाया जाता था।
क्यों मनाते हैं होली का त्योहार?- Why We Celebrate Holi in Hindi
- भरभोलिए गाय के गोबर से बनाया जाता हैं जिनके बीच में छेद होता है, जिनमें मूँज की रस्सी को डाल कर माला बनाई जाती है। इस एक माला में सात उबाले होते हैं। होली में आग लगाने से पहले इन उबलों को भाइयों के सिर के ऊपर से सात बार घूमाया जाता हैं जिससे भाईयों को किसी तरह की नजर न लगे। और बाद में इन उबलों को होलिका दहन में ड़ाल दिया जाता हैं।
- होली त्योहार फाल्गुन माह आता है इस कारण होली को फाल्गुनी भी कहते हैं।
- होली को अनेक नामों से जाना जाता है। जैसे- फगुआ, दोल, धुलण्डी, होली, फाल्गुनी आदि।
कैसे करे महाशिवरात्रि का व्रत?- Shivratri Fast
- यह भारत के अलावा नेपाल और अन्य भारतीय प्रवासी देशो में धूमधाम से मनाया जाता है।
- हिन्दू पंचांग के अनुसार यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- होली के दिन राग और रंग का संगम होता है इसलिए होली के दिन लोग रंग खेलने के साथ ही जमकर नाचते-गाते हैं।
- भारत में होली का त्योहार आदी काल से मनाया जाता है। इसका संकेत प्राचिन साहित्यों में मिलता है।
शिवरात्रि क्या है?- What is Shivratri
- सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने भी अपने ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है।
- मुगल काल में बदाशाह अकबर का जोधाबाई के साथ और जहाँगीर का नूरजहाँ के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है।
- भारतीय इतिहास के अनुसार शाहजहाँ के ज़माने में होली को ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी (रंगों की बौछार) कहा जाता था।
- होली का त्यौहार महाभारत काल से भी सम्बन्ध रखता है, दरअसल इस काल में युधिष्ठिर ने जनता को होली का महत्व समझाया और बताया की इस दिन को हर्षोउल्लास से मनाने से और खुशियां बांटने से पाप का अंत होता है। युधिष्ठिर ने इस दिन होली की अग्नि की 3 परिक्रमा लगाकर नाच गाने और खुशियां मनाने को कहा और तभी से इस दिन को खुशियों के त्यौहार के तौर पर मनाया जाने लगा।
महाशिवरात्रि की कथा- Maha Shivaratri Story in Hindi
- होली मनाने का एक कारण और भी है कि होली के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का उद्धार किया था। इसी खुशी के कारण गोप-गोपियों ने एक दुसरे पर रंग लगा कर इस दिन को मनाया था।
- कुछ लोगों का मानना है कि होली में रंग लगाकर, नाच-गाकर लोग शिव के गणों का वेश धारण करते है।
- होली पर रंगों से खेलना भगवान शिव से भी सम्बन्ध रखता है जिसमे शिव भगवान का नाचना गाना और उनकी बारात का दृश्य प्रतीत होता है।
शिव चालिसा- Shiv Chalisa in Hindi
- होली हिंदुओं समुदाय का एक प्रमुख त्योंहार है। होली भारत व नेपाल में बहुत ही धुम-धाम से मनाया जाता है।
- होली का त्योंहार बसंत पंचमी से ही आरम्भ हो जाता है। बसंत पंचमी के दिन गुलाल उड़ाया जाता है और फ़ाग के गीत शुरू हो जाते है।
- होलिका दहन में सभी लोग गेहू की बालिया लेकर जाते हैं और उस अग्नि में इसे पकाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। दरअसल ये वैदिक काल का एक विधान था जिसमे यज्ञ में आधे पके हुए अन्न को हवन की अग्नि में पकाकर प्रसाद के रूप में लिया जाता था और इसी विधान को आज भी होलिका दहन में निभाया जाता है।
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- होली दो दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग, गुलाल लगाकर, मिठाई, पकवान खिलाकर खुशियां मनाई जाती है।
- होली का त्योंहार प्राचीन भारत में ‘होलाका’ के नाम से भी जाना जाता था।
- होली का त्यौहार फागुन की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस दिन का एक और महत्व भी है, दरअसल इसी दिन ऋषि मनु का भी जन्म हुआ था।
Vasant Panchami – क्या, क्यों और कैसे?
- भारत में व्रज, मथुरा, वृन्दावन और बरसाने की लट्ठमार होली व श्रीनाथजी, काशी आदि की होली पूरी दुनिया में सबेस ज्यादा प्रसिद्ध है।
- भारत के कुछ राज्यों में होली के दुसरे दिन को धुलेटी, धुरखेल, धूलिवंदन उया धुरड्डी भी कहा जाता है।
- भारत के कवियों और साहित्यकारों ने होली को ‘मस्ती का त्योंहार’ की उपमा दी है।
- ‘बुरा न मानो होली है’ अक्सर यह वाक्य होली के दिन बोला जाता है ताकि कोई रंग लगाने पर चिढ़े नहीं। होली का त्योंहार पूरे भारत में मनाया जाता है।
भगवान काल भैरव का सिद्ध मन्त्र- Bhairav Mantra in Hindi
- दक्षिण भारत में जिस प्रकार होली मनाई जाती है, उससे यह अच्छे स्वस्थ को प्रोत्साहित करती है।
- होलिका दहन के बाद इस क्षेत्र में लोग होलिका की बुझी आग की राख को माथे पर विभूति के तौर पर लगाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वे चंदन तथा हरी कोंपलों और आम के वृक्ष के बोर को मिलाकर उसका सेवन करते हैं।
- कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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- होली के रंग हमारे शरीर और हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर अनेक प्रकार से अच्छा प्रभाव करते है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे शरीर में किसी रंग विशेष की कमी कई बीमारियों को जन्म देती है और जिनका इलाज केवल उस रंग विशेष की आपूर्ति करके ही किया जा सकता है।
- होली के मौके पर लोग अपने घरों की भी साफ-सफाई करते हैं जिससे धूल गर्द, मच्छरों और अन्य कीटाणुओं का सफाया हो जाता है। एक साफ-सुथरा घर आमतौर पर उसमें रहने वालों को सुखद अहसास देने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवाहित करता है।
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