Heart Touching in Hindi Stories – 31 दिस्मबर के रात की बात है। कुछ दोस्त इस रात को कुछ खास बनाना चाहते थे। उन्होंने सोचा कि एक पार्टि का आयोजन किया और सभी दोस्त रात को एक जगह मिल कर शहर से बाहर जा रहे थे। जाते समय रास्ते में एक रेड लाइट पर रूके वहाँ पर देखा की कई भिखारियों के बच्चे रात को भी भीख मांग रहे थे, लेकिन उन पर किसी का ध्यान नहीं गया।
लेकिन अचानक उन सभी दोस्तों कि नजर एक छोटी सी लड़की पर पड़ी जिसने फटे पुराने कपड़े पहन रखे थे और वह भी एक कौने में बेठ कर भीख मांग रही थी, अचानक ही उस लड़की की नजर भी उन दोस्तो की तरफ पड़ गई उस लड़की ने ईशारो में हमारी तरफ अपना हाथ बढाया।
दुर्गा सप्तशती – क्या, क्यों और कैसे?
सभी दोस्त उसी लड़की को देख रहे थे। उसके पास खाने को कुछ नही था और ना ही पहनने को सही कपड़े थे और ना ही उसके बेठने के लिए सही जगह क्योंकि जहा वह बेठी थी वहाँ खुली सड़क थी,और उपर से सर्द रात थी। उसको देख कर ही लग रहा था कि वह कई दिनों से नहाई नहीं थी मैले कुचेले कपड़े और बिखरे बाल।
रात को सभी दोस्त खाना खाने के लिए एक होटल में गए। वहाँ सभी ने अपनी पसन्द का खाना मंगवाया और खाने लगे। अचानक उन दोस्तो कि नजर अपने टेबल पर पड़ी’ जिस पर अनेक प्रकार के खाने रखे हुए थे और सभी को रेड लाइट पर भीख मांगते उन बच्चों की याद आ गई।
उन दोस्तो में से एक ने कहा- यार भगवान भी कितना बुरा है, किसी को तो इतना दिया है खाने को रहने को, तो किसी को कुछ भी नही दिया है।
उसी समय दुसरे ने भी कहा- हाँ चलो आज भगवान से प्रार्थना करते है कि भगवान उन सभी भिखारियों के बच्चों का सहारा बने।
उनकी बातो को सुन कर एक दोस्त के मन में भगवान के प्रति बहुत गुस्सा आया और मन ही मन भगवान को कोसने लगा। उसने सोचा कि आज मेरे पास सारे सुख साधन मौजूद थे, लेकिन भिखारियों के बच्चों के पास खाने को खाना तक नहीं है। उसने मन ही मन भगवान से कहा ‘’ ईश्वर आप ऐसा कैसे कर रहे हैं?’’
उसने फिर से कहा- हे भगवान आप उन भिखारियों के बच्चों की मदद करने के लिए कुछ करते क्यों नहीं? इस प्रकार बोल कर वहा बेठे सभी दोस्त आंखें बंद करके उन भिखारियों के बच्चों के लिए प्रार्थना करने लगे।
उसी समय अचानक सभी दोस्तों के मन की आवाज आई जैसे भगवान ही बोल रहे हो कि- मैं बहुत कुछ करता हूँ ऐसी परिस्तिथियों को बदलने के लिए, मैंने बहुत कुछ किया है, और मैंने जो कुछ किया है उसमें तुम लोग मेरी इच्छा को पुरी नही कर रहे हो।
Vishnu Sahasranamam PDF – Download – विष्णु सहस्त्रनामम्
तभी मेरे मन ने सवाल किया, क्या किया है भगवान आपने?
भगवान का उत्तर था…. मैंने तुम्हें बनाया है….। जहाँ मैं नही जा सकता हूं वहा तुम जैसे लोगो को भेज देता हूं ताकी तुम जाकर उसकी मदद कर सको। बस फिर क्या था।
सभी दोस्तों ने मिल कर वहां भीख मांग रहे बच्चों के लिए खाना, कपड़ा लिया और सभी ने एक संकल्प लिया कि वे सभी एक-एक बच्चे को गोद लेकर उनकी जरूरतों को पूरा करेंगे और सभी ने 1 जनवरी को साथ मिल कर उन सभी बच्चों का एक स्कुल में दाखिला दिलवाया और उसकी जरूरतो को पुरा करने का संकल्प लिया।
नोट:- दोस्तो हम हजारों रूपये खर्च कर देते है सिर्फ मौज-मस्ति के लिए क्या आपको पता है हम अगर इन्ही रूपये मै से थोडा पैसा जरूरत मन्द लोगों के लिए निकाल दे तो शायद हम एक जिन्दगी को और सवार सकते है, इस नए साल को हम सब ज्यादा कुछ न कर सके तो कम से कम एक गरीब बच्चे को निजी नही तो कम से कम एक सरकारी स्कुत में ही दाखिला दिला दे,शायद इसी से एक जिन्दगी ओर बन जाए।
Constitution of India in Hindi – कैसे बना भारत का संविधान?