Amazing Facts About The Universe- वेसै तो हमारा यह ब्रह्माण्ड अनन्त है। ब्रह्माण्ड के बारे में पूरा जान पाना या पूरा लिख पाना और इसे पूरा समझ पाना हम इंसानों के बस की बात नहीं है, लेकिन यह ब्रह्माण्ड जितना विशाल है, उतने ही अनोखे रहस्यों से भरा है।
आज जब आप आकाश की तरफ देखते है तो यह विचार मन में जरूर आता होगा कि ब्रह्माण्ड में क्या है? इसके अन्दर क्या होगा? और हमारी ब्रह्माण्ड के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने की इच्छा रहती है। तो आइये जानते हैं इस ब्रह्माण्ड रहस्यमयी और रोचक जानकरीयां।
ब्रह्माण्ड में कोई भी चीज स्थिर नहीं है। इसका अर्थ यह है कि ब्रह्माण्ड में जो भी चीजे है वह सभी गतिमान है। गतिमान के साथ परिवर्तनशील भी है। चन्द्रमा हमारी धरती का चक्कर लगता है, धरती सूर्य के चक्कर लगाती है और सूर्य पूरे ब्रह्माण्ड के साथ मन्दाकिनी जिसे Milky Way कहते है के चक्कर लगाता रहता है।
मन्दाकिनी आकाशगंगा भी अंतरिक्ष में गति करता रहता है। ब्रह्माण्ड में हमारी आकाशगंगा की तरह करोडो आकाशगंगा हैं। लेकिन वैज्ञानिको ने खोज कर यह पता लगाया है की हमारी आकाशगंगा के सबसे नजदीक वाली आकाशगंगा ‘’देवयानी’’ है। हमारी आकाशगंगा ब्रह्माण्ड में 552 किमी / सेकेंड की तेजी से गति करती है और इस गति से हमारी आकाशगंगा मन्दाकिनी अरब सालो बाद देवयानी आकाशगंगा से टकरा जाएगी।
2002 में हुए एक शोध अनुसार हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने हमारी आकाशगंगा के प्राचीनतम तारों का पता लगाया है जिसके आधार पर ब्रह्मांड की उम्र 13 से 14 अरब वर्ष के बीच आंकी गई है। वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा के अत्यंत छोटे और बुझते तारों को 7000 प्रकाश वर्ष दूर क्षय होते तारों के एक झुंड में खोजा। इन बुझते तारों के मौजूदा तापमान के आधार पर वैज्ञानिकों ने हिसाब लगाया कि अधिकतम 13 अरब वर्ष पहले इनका जन्म हुआ होगा। पहले ब्रह्मांड की उम्र 15 अरब वर्ष मानी जा रही थी।
वैज्ञानिको की खोज के अनुसार अंतरिक्ष के कर्क तारामंडल में स्थित एक ग्रह ऐसा भी है जो पृथ्वी से करीब तीन गुना ज्यादा बड़ा है और यह ग्रह Diamond का बना हुआ है जिसका नाम 55 cancri e है। अंतरिक्ष में हमारी सुनने की शक्ति क्षीण हो जाती है क्योंकि आवाज को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने के लिए हवा का होना जरूरी है जो केवल धरती पर ही मोजूद है और अंतरिक्ष में किसी भी प्रकार का वातावरण नहीं है। अंतरिक्ष पूरा काला और वीरान है। यही कारण है कि हम अंतरिक्ष में किसी प्रकार की आवज को नहीं सुन पाते है। अंतरिक्ष यात्री एक दुसरे से संपर्क बनने के लिए रेडियो तरंगो का प्रयोग करते है।
ब्रह्माण्ड में एक बहुत विशाल महासागर है जिसे शराब का महासागर कहा जाता है। इस पर एथिल अल्कोहल (सी 2 एच 6 ओ) की मात्र बहुत ही ज्यादा है। इस को हम धनुराशि B2 (Sgr B2 के नाम से जाना जाता हैं। इसकी Milky way से 390 प्रकाशवर्ष दूरी है। हमारी पृथ्वी के पानी से लगभग 150 ट्रिलियन गुना ज्यादा पानी है। ब्रह्माण्ड में मोजूद यह पानी H2o भाप के रूप में स्थित है।
चन्द्रमा पर गए यात्रियों के पैरो के निशान लगभग 10 करोड़ वर्षो तक नहीं मिटेगा क्योंकि चाँद पर किसी भी प्रकार की कोई हवा नही है और न ही किसी प्रकार का कोई वातारवरण है। लेकिनअन्तरिक्ष में सूक्ष्म रूप से घुमने वाला मेटल और अंतरिक्ष से गिरने वाले उल्का पिंड की वजह से ही चंद्रयात्रियों के पैरो के निशान मिट सकते है। ।
ब्रहस्पति ग्रह पर एक दिन 10 घंटे का होता है। साथ ही ब्रहस्पति ग्रह हमारे पूरे ब्राह्मांड का सबसे बड़ा गृह है। ब्रहस्पति ग्रह लगभग 50,000 किलोमिटर प्रति घंटे की रफ़्तार से घूमता है ।
अंतरिक्ष यात्री जब भी अंतरिक्ष की यात्रा करते है तो वे 2 से 3 इंच लम्बे हो जाते हैं। इसका कारण है कि जब भी कोई आदमी अंतरिक्ष में जाता है तो वह गुरुत्वाकर्षण बल से दूर हो जाता है और इसी कारण से उसकी रीड की हड्डियाँ के जोड़ ढीले हो जाते हैं और वो सीधी हो जाती हैं।
पूरी दूनिया के साथ ही अनेक ग्रहो को रोशन करने वाले सूर्य का रंग लाल न हो कर सफ़ेद है। यह लाल केवल हमारे धरती के ऊपर के वातावरण के कारण लाल दिखाई देता है। एक रुसी संशोधन के अनुसार कोक्रोचो पर किए प्रयोग से यह साबित हुआ कि पृथ्वी पर जन्मे कॉक्रोचो के मुकाबले ब्रह्माण्ड में जन्मे काक्रोच ज्यादा मजबूत और तेज थे, लेकिन ऐसा क्यों हुआ यह एक रहस्य है। ब्रह्माण्ड के तारो को हम कभी गिन नहीं सकते है केवल कल्पना कर सकते है कि ब्रह्माण्ड में इतने तारे होंगे।
ब्रह्माण्ड में ज्यादातर जगह खाली होती है, लेकिन ब्रह्माण्ड में अक्षर कुछ दूरी पर कोई न कोई ग्रह, उपग्रह, तारा, निहारिका, अकाशी पिंड मोजूद है। लेकिन ब्रह्माण्ड एक ऐसी जगह है जहां पर लाखो प्रकश वर्ष दूर तक कुछ नहीं है।
15 साल की अवधी में शनि के वलय पृथ्वी से दिखाई नहीं देते है। शनि के वलय को Telescope से हमेशा देखा जा सकता है लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब शनि के वलय Telescope से भी नही देख सकते है। इसका कारण है कि जब शनि, पृथ्वी और उसके वलय एक सीध में आ जाते हैं।
ब्लैक होल पूरे ब्रह्माण्ड का बुरा सपना है यह ब्रह्माण्ड का एक दैत्य है जो अपने गुरुत्वाकर्षण के घेरे में आने वाले सभी चीजो अपनी और खींच लेता है। ब्लैक होल की गुरुत्वीय शक्ति इतनी तेज होती है की यह प्रकाश को भी अपने पार नहीं होने देता है। ब्लैक होल पूरे ब्रह्माण्ड को निगलने में सक्षम है। हमारा ब्रह्माण्ड धीरे- धीरे खत्म हो रहा है लेकिन हमारे पास अब भी 100 अरब वर्ष हैं। 200,000 आकाशगंगाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि आकाशगंगा दो अरब वर्ष पूर्व की तुलना में आधा ऊर्जा उत्पादन कर रही हैं।
दर्शनीय ब्रह्मांड, जो कि ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी सरंचना है। यह 10 Billion Light Years चौड़ी है। भौतिक विज्ञानं की Theory के अनुसार अंतरिक्ष में इतनी बड़ी सरंचना का हो पाना एक रहस्य की ही बात है की आखिर ब्रह्माण्ड में इतनी बड़ी संरचना कैसे बनी होगी। यदि हम अपनी पृथ्वी की तुलना सूर्य से करना चाहे तो हमारी पृथ्वी कुछ इस तरह लगेगी जैसे किसी फुटबॉल के सामने मटर का दाना।
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